प्र्त्यय
- शब्द निर्माण के लिए शब्दों के अंत में जो शब्दांश जोड़े
जाते हैं, वे प्रत्यय कहलाते है। जो
शब्दांश, शब्दों के अंत में जुड़कर अर्थ में परिवर्तन लाये, प्रत्यय कहलाते है।
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❖प्रत्यय
का अपना अर्थ नहीं होता और न ही इनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व होता है। प्रत्यय
अविकारी शब्दांश होते हैं जो शब्दों के बाद में जोड़े जाते है।
जैसे:-
समाज +
इक = सामाजिक
सुगन्ध + इत = सुगन्धित
भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़
सुगन्ध + इत = सुगन्धित
भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़
सुगन्ध + इत = सुगन्धित
भूलना + अक्कड़ = भुलक्कड़
मीठा + आस = मिठास
भला + आई = भलाई
समाज + इक = सामाजिक
समाज + इक = सामाजिक
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