संज्ञा
जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा
कहते है।
संज्ञा के भेद
मुख्य रूप से संज्ञा के तीन भेद माने
जाते हैं- पर कुछ विद्वान इसके दो भेद और मानते हैं। इस तरह इनके पाँच भेद होते
हैं।
1.
व्यक्तिवाचक
2.
जातिवाचक
3.
भाववाचक
4.
समूहवाचक
5.
द्रव्यवाचक
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – किसी विशेष प्राणी, वस्तु या स्थान के नाम को व्यक्तिवाचक
संज्ञा कहते हैं; जैसे- आगरा, रामचरित्र मानस,
राम, गांधी इत्यादि।
2. जातिवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा शब्द से पूरी जाति, वर्ग या समुदाय का
बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे नदी, सेना, अध्यापक, किसान, सागर, झरना आदि।
3. भाववाचक संज्ञा – किस भाव, गुण, अवस्था या क्रिया
के व्यापार का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं;
जैसे- मिठास, थकान, कड़वापन, बुढ़ापा, गरीबी, सजावट, शीतलता आदि। हिंदी
भाषा में अंग्रेजी के प्रभाव से संज्ञा के दो और भेद स्वीकृत कर लिए गए हैं। ये
हैं
·
द्रव्यवाचक
·
समूहवाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा – जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव्ये या पदार्थ का बोध होता है, उन्हें द्रव्यवाचक
संज्ञा कहते हैं; जैसे- दूध, पानी, चाँदी, तेल, चावल।
5. समूहवाचक संज्ञा – जिन संज्ञा शब्दों से एक ही जाति के
व्यक्तियों के समूह का बोध होता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- मेला, सभा, सेना, भीड़, झुंड, गिरोह आदि।
भाववाचक संज्ञा बनाना
भाववाचक संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय
शब्दों से बनती हैं।
भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के
अंत में प्रायः पन, त्व, ता आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
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अभ्यास-कार्य
दिए गए शब्दो को भाववाचक रूप में लिखिए।
१ संस्कृति ११ दानव
२ सुंदर १२ जीतना
३ शिशु १३ एक
४ डाकू १४ आलसी
५ लाल १५ स्वामी
६ योग्य १६
सर्द
७ पंडित १७ बच्चा
८ खोजना १८ रोना
९ मम १९ महान
१० राष्ट्रीय २० बहना
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