लोकोक्तियाँ
लोकोक्तियाँ वाक्यांश न होकर एक संपूर्ण वाक्य होता है। अपने कथन पर बल देने के लिए लोकोक्ति का प्रयोग किया जाता है। लोकोक्ति का प्रयोग करने से भाषा में सजीवता आती है तथा वह आकर्षक बनती है।
प्रचलित लोकोक्तियों के कुछ अन्य उदाहरण
1. आ बैल मुझे मार- (स्वयं विपत्ति को बुलाना)
2. अंधों में काना राजा- (मूों में थोड़ा बुद्धिमान)
3. एक पंथ दो काज- (एक समय में दो कार्य की सिद्धि)
4. उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे- (गलती होते हुए भी न मानना)
5. ऊँची दुकान, फीका पकवान- (बड़ा दिखावा, पर भीतर से खोखला)
6. एक अनार, सौ बीमार- (एक चीज के अनेक ग्राहक)
7. कंगाली में आटा गीला- (मुसीबत में मुसीबत आ पड़ना)
8. कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली- (बराबर के न होना)
9. खोदा पहाड़, निकली चुहिया- (प्रयत्न अधिक लाभ कम)
10. घर का भेदी लंका ढाए- (आपस की फूट से हानि होती है)
Workbook link
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