कारक
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध
वाक्य में आए अन्य सभी शब्दों से जाना जाए, उसे कारक कहा जाता है।
कारक को प्रकट करने के लिए संज्ञा या सर्वनाम के साथ जो चिह्न
लगाए जाते हैं, उन्हें
विभक्ति चिहन या परसर्ग कहते हैं। ‘पर’ का अर्थ है बाद। कारक चिह्न संज्ञा या सर्वनाम के
बाद जुड़ते हैं। कारक के निम्नलिखित आठ भेद हैं|
दिए गए वाक्य में कारक पहचानकर उसका प्रकार बताइए|
1 हे ईश्वर !
मेरा काम पूरा कर देना ।
2 अरे! उधर तेज़ धार में मत जाना।
3 आयुष ने पुस्तक पढ़ी।
4 ओजस्व ने आयुष को पुस्तक दी।
5 यह घर अंशु का है|
6 नेहा के पिता लेखक हैं।
7 पतीले में दूध रखा है। रस्सी पर कपड़े सूख रहे हैं।
8 विनोद की बहन अच्छा नाचती है।
9 मनोज ने ओजस्व के लिए खिलौने लाए।
10 माताजी ने खाना खाया।
11 अपने मत का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए।
12 रोगी के लिए दवाई ले आओ।
13 अमन ने इस अभ्यास को अच्छी तरह पढ़ा है।
14 मैं यह उपहार अपने अध्यापक के लिए लाया हूँ।
15 गंगा-यमुना हिमालय से निकलती हैं।
16 मेरी जेब में बीस रुपये हैं।
17 मयंक अमित से बुद्धिमान है।
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